1 | بخلاف ذلك، وذلك أنا نرَى أجساما تتحرك إلى فوق وأجساما تتحرك إلى أسفل، | VIEW AND COMPARE |
2 | وإذا كانت الحركة البسيطة أكثر من حركة واحدة، كانت الأجسام البسيطة أكثر | VIEW AND COMPARE |
3 | من جسم واحد. | VIEW AND COMPARE |
4 | فقد تبين من هذا القول أن الأسطقس أكثر من واحد. | VIEW AND COMPARE |
الجملة 6 |
||
الجملة السادسة |
||
5 | ولما تبين له أن الاسطقسات متناهية، وأنها أكثر من واحد، <وجب عن | VIEW AND COMPARE |
6 | ذلك أن تكون كثيرة متناهية>، أخذ يفحص هاهنا هل هي واقعة تحت الفساد | VIEW AND COMPARE |
7 | والكون أم ليست بواقعة، بل هي دائمة سرمدية. فإنه إذا استبان هذا المعنَى من | VIEW AND COMPARE |
8 | أمرها واستبان كم عددها وما طبائعها كملت المعرفة لنابها، فأقول: | VIEW AND COMPARE |
9 | إنه لا يمكن أن تكون الاسطقسات سرمدية ولا يمكن أن يكون فيها جزء | VIEW AND COMPARE |
10 | سرمدي، وذلك أنا نرَى كل واحد ينحل ويعود إلى الصغر بعد الكبر وإلى القلة | VIEW AND COMPARE |
11 | بعد الكثرة، وذلك بيّن من أمر الماء والهواء [ 40 و: ﻋ] وسائر الاسطقسات. | VIEW AND COMPARE |
12 | وإذا كان هذا ظاهرا من أمرها، أعني أنها تنحل وتنتفض، فلا يخلو التحلل | VIEW AND COMPARE |
13 | والانتفاض اما أن يكون إلى غير نهاية أو يكون إلى نهاية. فإن كان إلى نهاية فلا | VIEW AND COMPARE |
14 | يخلو أن تكون نهايته بفساد جميع أجزاء الأسطقس، أو بانتهاء التحليل إلى جزء لا | VIEW AND COMPARE |
15 | يفسد. وان انتهَى التحليل إلى جزء لا يفسد فلا يخلو أن يكون ذلك الجزء غير | VIEW AND COMPARE |
16 | متجزئ أو متجزئا، ومحال أن يكون الانحلال إلى غير نهاية لأنه يلزم عنه أن | VIEW AND COMPARE |
17 | يكون التركيب أيضا إلى غير نهاية، وذلك أن زمان التركيب يلزم أن يكون اما | VIEW AND COMPARE |
18 | أعظم من زمان الانحلال وإما أن يكون مساويا له واما أقل منه. وإذا كان زمان | VIEW AND COMPARE |
19 | كل واحد منهما، أعني التركيب والانحلال، غير متناه لزم اما أن يكون الشيء | VIEW AND COMPARE |
20 | متحللا متركبا معا في زمان واحد، واما أن يكون زمان غير متناه قبل ⎤ زمان غير | VIEW AND COMPARE |
21 | متناه قد خرجا إلى الفعل وحركة متناهية قبل حركة⎡ غير متناهية بالفعل. وإذا كان | VIEW AND COMPARE |
Averroes, Talḫīṣ kitāb al-samāʾ wa-l-ʿālam (تلخيص كتاب السماء والعالم). Digital copy of Talḫīṣ al-samāʾ wal-ʿālam li-Abī l-Walīd Ibn Rušd, ed. Ǧamāl al-Dīn al-ʿAlawī, Fez: Ǧāmiʿat Sīdī Muḥammad Ibn-ʿAbdallāh, 1984. Cologne: Digital Averroes Research Environment (DARE), 2014. URI: dare.uni-koeln.de/app/fulltexts/FT109 .
المقالة 1 | Page: 71 | |
-الجملة 1 | Page: 72 | |
-الجملة 2 | Page: 73 | |
-الجملة 3 | Page: 76 | |
-الجملة 4 | Page: 77 | |
-الجملة 5 | Page: 83 | |
-الجملة 6 | Page: 85 | |
-الجملة 7 | Page: 94 | |
--البرهان 1 | Page: 96 | |
--البيان 2 | Page: 110 | |
--البيان 3 | Page: 116 | |
-الجملة 8 | Page: 120 | |
--الفصل 1 | Page: 121 | |
--الفصل 2 | Page: 122 | |
--الفصل 3 | Page: 125 | |
--الفصل 4 | Page: 128 | |
--الفصل 5 | Page: 131 | |
--الفصل 6 | Page: 132 | |
--الفصل 7 | Page: 133 | |
--الفصل 8 | Page: 136 | |
-الجملة 9 | Page: 139 | |
-الجملة 10 | Page: 142 | |
--الفصل 1 | Page: 143 | |
--الفصل 2 | Page: 148 | |
---القسم 1 | Page: 150 | |
---القسم 2 | Page: 155 | |
---القسم 3 | Page: 156 | |
---القسم 3 | Page: 157 | |
---القسم 4 | Page: 161 | |
---القسم 5 | Page: 162 | |
---القسم 6 | Page: 164 | |
---القسم 7 | Page: 166 | |
---القسم 8 | Page: 170 | |
----االبرهان 1 | Page: 171 | |
----االبرهان 2 | Page: 173 | |
----االبرهان 3 | Page: 174 | |
----االبرهان 4 | Page: 174 | |
-مسألة | Page: 177 | |
المقالة 2 | Page: 187 | |
-الجملة 1 | Page: 187 | |
--الفصل 1 | Page: 188 | |
--الفصل 2 | Page: 189 | |
--الفصل 3 | Page: 190 | |
-الجملة 2 | Page: 191 | |
--المطلب 1 | Page: 192 | |
--المطلب 2 | Page: 198 | |
--المطلب 3 | Page: 202 | |
---البرهان 1 | Page: 203 | |
---البرهان 2 | Page: 207 | |
---البرهان 3 | Page: 210 | |
---البرهان 4 | Page: 211 | |
--المطلب 4 | Page: 214 | |
--المطلب 5 | Page: 218 | |
---البرهان 1 | Page: 219 | |
---البرهان 2 | Page: 220 | |
---البرهان 3 | Page: 221 | |
---البرهان 4 | Page: 224 | |
-الجملة 3 | Page: 228 | |
--المطلب 1 | Page: 229 | |
--المطلب 2 | Page: 233 | |
--المطلب 3 | Page: 241 | |
--المطلب 4 | Page: 242 | |
--المطلب 5 | Page: 243 | |
-الجملة 4 | Page: 251 | |
--الفصل 1 | Page: 252 | |
--الفصل 2 | Page: 254 | |
--الفصل 3 | Page: 256 | |
--الفصل 4 | Page: 257 | |
--الفصل 6 | Page: 268 | |
--الفصل 7 | Page: 272 | |
المقالة 3 | Page: 279 | |
-الجملة 1 | Page: 281 | |
-الجملة 2 | Page: 282 | |
-الجملة 3 | Page: 283 | |
--1 القسم | Page: 284 | |
--2 القسم | Page: 285 | |
---القصل 1 | Page: 286 | |
----العناد 1 | Page: 286 | |
----العناد 2 | Page: 292 | |
----العناد 3 | Page: 293 | |
---القصل 2 | Page: 294 | |
----البرهان 1 | Page: 295 | |
----البرهان 2 | Page: 295 | |
-الجملة 4 | Page: 305 | |
-الجملة 5 | Page: 306 | |
--المطلب 1 | Page: 306 | |
--المطلب 2 | Page: 307 | |
--المطلب 3 | Page: 313 | |
-الجملة 6 | Page: 320 | |
-الجملة 7 | Page: 321 | |
-الجملة 8 | Page: 322 | |
--الفصل 1 | Page: 324 | |
---المعاندة 1 | Page: 325 | |
---المعاندة 2 | Page: 325 | |
---المعاندة 3 | Page: 326 | |
--الفصل 2 | Page: 326 | |
المقالة 4 | Page: 341 | |
-الجملة 1 | Page: 341 | |
--القصل 1 | Page: 342 | |
--القصل 2 | Page: 343 | |
--القصل 3 | Page: 345 | |
-الجملة 2 | Page: 353 | |
-الجملة 3 | Page: 359 | |
--القصل 1 | Page: 360 | |
--القصل 2 | Page: 364 | |
--القصل 3 | Page: 369 | |
--القصل 4 | Page: 371 | |
--القصل 5 | Page: 375 | |
--القصل 6 | Page: 378 | |
--القصل 7 | Page: 380 |