1 | وضعوا الكون يكون لها على جهة التركيب من الاسطقسات أو على جهة | VIEW AND COMPARE |
2 | الانحلال إليها، وجب ألا يكون التكاثف شيئا غير اجتماع أجزاء ذلك الأسطقس | VIEW AND COMPARE |
3 | وتركيبها، وألا يكون التخلخل الا انحلال تلك الأجزاء، وإذا كان ذلك كذلك | VIEW AND COMPARE |
4 | فالجسم المتخلخل الذي ينحل إليه الجسم المتوسط هو أقدم من الجسم المتوسط، | VIEW AND COMPARE |
5 | فالأسطقس المفروض اذن أسطقس آخر قبله، وإذا كان هذا هكذا والنار كانت | VIEW AND COMPARE |
6 | هي ألطف الأجسام كانت النار هي الأسطقس،وإن لم تكن النار هي ألطف | VIEW AND COMPARE |
7 | الأجسام فذلك الجسم الذي هو ألطف من سائر الأجسام هو الأسطقس. | VIEW AND COMPARE |
8 | فهذا هو أحد المحالات التي تلزم هؤلاء القوم، وليس كما ظن تامسطيوس أن | VIEW AND COMPARE |
9 | ذلك إنما كان يلزمهم لو كانوا يسلمون أن التكاثف هو تركيب وان التخلخل هو | VIEW AND COMPARE |
10 | انحلال، فانهم إذا وضعوا أن [ 39 و: ﻋ] التكاثف والتخلخل كونان | VIEW AND COMPARE |
11 | متقابلان في الجوهر، لزم أن يكون أحدهما تركيبا والآخر تحليلا. | VIEW AND COMPARE |
12 | فهذا أحد المعاندات التي تخص هؤلاء القوم. | VIEW AND COMPARE |
13 | ومعاندة ثانية وهي أنه إن كان الكون انما هو تكاثف وتخلخل، وسامحناهم في | VIEW AND COMPARE |
14 | أن الكونين كلاهما تركيب فقط، لا تركيب وانحلال على ما قلناه قبل، لزمهم | VIEW AND COMPARE |
15 | ضرورة أن يقولوا أن المتكاثف هو المركب من أجزاء كبار والمتخلخل هو المركب من | VIEW AND COMPARE |
16 | أجزاء صغارا، وذلك أن ... يكون هنالك فرق بين التركيب الذي هو | VIEW AND COMPARE |
17 | التكاثف والتركيب الذي هو التخلخل. وإذا كان هذا هكذا كانت سائر | VIEW AND COMPARE |
18 | الاسطقسات إنما تختلف جواهرها باختلاف نسبة أجزائها بعضها إلى بعض، أعني | VIEW AND COMPARE |
19 | نسبة الاجزاء الكبار التي يتكون منها الجسم الكثيف إلى الأجزاء الصغار التي يتكون | VIEW AND COMPARE |
20 | منها الجسم اللطيف، إذ كانت طبيعة الأجزاء طبيعة واحدة. وإذا كانت جواهرها | VIEW AND COMPARE |
21 | إنما هي تابعة لنسبة محدودة، أي نسبة كانت، كأنك قلت نسبة الضعف، وجب | VIEW AND COMPARE |
22 | أن يكون جوهر كل الأشياء مضافة في كون الشيء الواحد بعينه نارا وهواء، نارا | VIEW AND COMPARE |
Averroes, Talḫīṣ kitāb al-samāʾ wa-l-ʿālam (تلخيص كتاب السماء والعالم). Digital copy of Talḫīṣ al-samāʾ wal-ʿālam li-Abī l-Walīd Ibn Rušd, ed. Ǧamāl al-Dīn al-ʿAlawī, Fez: Ǧāmiʿat Sīdī Muḥammad Ibn-ʿAbdallāh, 1984. Cologne: Digital Averroes Research Environment (DARE), 2014. URI: dare.uni-koeln.de/app/fulltexts/FT109 .
المقالة 1 | Page: 71 | |
-الجملة 1 | Page: 72 | |
-الجملة 2 | Page: 73 | |
-الجملة 3 | Page: 76 | |
-الجملة 4 | Page: 77 | |
-الجملة 5 | Page: 83 | |
-الجملة 6 | Page: 85 | |
-الجملة 7 | Page: 94 | |
--البرهان 1 | Page: 96 | |
--البيان 2 | Page: 110 | |
--البيان 3 | Page: 116 | |
-الجملة 8 | Page: 120 | |
--الفصل 1 | Page: 121 | |
--الفصل 2 | Page: 122 | |
--الفصل 3 | Page: 125 | |
--الفصل 4 | Page: 128 | |
--الفصل 5 | Page: 131 | |
--الفصل 6 | Page: 132 | |
--الفصل 7 | Page: 133 | |
--الفصل 8 | Page: 136 | |
-الجملة 9 | Page: 139 | |
-الجملة 10 | Page: 142 | |
--الفصل 1 | Page: 143 | |
--الفصل 2 | Page: 148 | |
---القسم 1 | Page: 150 | |
---القسم 2 | Page: 155 | |
---القسم 3 | Page: 156 | |
---القسم 3 | Page: 157 | |
---القسم 4 | Page: 161 | |
---القسم 5 | Page: 162 | |
---القسم 6 | Page: 164 | |
---القسم 7 | Page: 166 | |
---القسم 8 | Page: 170 | |
----االبرهان 1 | Page: 171 | |
----االبرهان 2 | Page: 173 | |
----االبرهان 3 | Page: 174 | |
----االبرهان 4 | Page: 174 | |
-مسألة | Page: 177 | |
المقالة 2 | Page: 187 | |
-الجملة 1 | Page: 187 | |
--الفصل 1 | Page: 188 | |
--الفصل 2 | Page: 189 | |
--الفصل 3 | Page: 190 | |
-الجملة 2 | Page: 191 | |
--المطلب 1 | Page: 192 | |
--المطلب 2 | Page: 198 | |
--المطلب 3 | Page: 202 | |
---البرهان 1 | Page: 203 | |
---البرهان 2 | Page: 207 | |
---البرهان 3 | Page: 210 | |
---البرهان 4 | Page: 211 | |
--المطلب 4 | Page: 214 | |
--المطلب 5 | Page: 218 | |
---البرهان 1 | Page: 219 | |
---البرهان 2 | Page: 220 | |
---البرهان 3 | Page: 221 | |
---البرهان 4 | Page: 224 | |
-الجملة 3 | Page: 228 | |
--المطلب 1 | Page: 229 | |
--المطلب 2 | Page: 233 | |
--المطلب 3 | Page: 241 | |
--المطلب 4 | Page: 242 | |
--المطلب 5 | Page: 243 | |
-الجملة 4 | Page: 251 | |
--الفصل 1 | Page: 252 | |
--الفصل 2 | Page: 254 | |
--الفصل 3 | Page: 256 | |
--الفصل 4 | Page: 257 | |
--الفصل 6 | Page: 268 | |
--الفصل 7 | Page: 272 | |
المقالة 3 | Page: 279 | |
-الجملة 1 | Page: 281 | |
-الجملة 2 | Page: 282 | |
-الجملة 3 | Page: 283 | |
--1 القسم | Page: 284 | |
--2 القسم | Page: 285 | |
---القصل 1 | Page: 286 | |
----العناد 1 | Page: 286 | |
----العناد 2 | Page: 292 | |
----العناد 3 | Page: 293 | |
---القصل 2 | Page: 294 | |
----البرهان 1 | Page: 295 | |
----البرهان 2 | Page: 295 | |
-الجملة 4 | Page: 305 | |
-الجملة 5 | Page: 306 | |
--المطلب 1 | Page: 306 | |
--المطلب 2 | Page: 307 | |
--المطلب 3 | Page: 313 | |
-الجملة 6 | Page: 320 | |
-الجملة 7 | Page: 321 | |
-الجملة 8 | Page: 322 | |
--الفصل 1 | Page: 324 | |
---المعاندة 1 | Page: 325 | |
---المعاندة 2 | Page: 325 | |
---المعاندة 3 | Page: 326 | |
--الفصل 2 | Page: 326 | |
المقالة 4 | Page: 341 | |
-الجملة 1 | Page: 341 | |
--القصل 1 | Page: 342 | |
--القصل 2 | Page: 343 | |
--القصل 3 | Page: 345 | |
-الجملة 2 | Page: 353 | |
-الجملة 3 | Page: 359 | |
--القصل 1 | Page: 360 | |
--القصل 2 | Page: 364 | |
--القصل 3 | Page: 369 | |
--القصل 4 | Page: 371 | |
--القصل 5 | Page: 375 | |
--القصل 6 | Page: 378 | |
--القصل 7 | Page: 380 |